Right vs Wrong
Right vs wrong किशोरावस्था एक ऐसी अवस्था है जिसमें बच्चों में बहुत सारे बदलाव आते हैं शारीरिक, मानसिक एवं सामाजिक बदलाव, जिसका प्रभाव उनके व्यवहार पर पड़ता है। उनके अंदर जोश उत्साह के साथ कई बार उदासीनता भी आ जाती है जिसे हम अभिभावक नहीं समझ पाते और बच्चों से कह देते हैं कि तुम्हारी संगत ठीक नहीं जबकि वास्तव में, बच्चे असमंजस में रहते हैं कि क्या सही है और क्या गलत ? उसके लिए भी कहीं-न-कहीं हम अभिभावक ही जिम्मेदार होते हैं क्योंकि कभी हम उन्हें वयस्कों की तरह बर्ताव करने को कहते और कभी उन्हें बच्चों में गिनती करते हैं | कई बार इस उम्र में बच्चे अर्थपूर्ण बात नहीं करते हैं इसका कारण शारीरिक विकास, व्यवहारिक ज्ञान एवं दिमागी विकास एक साथ जुड़ ना पाना हैं क्योंकि मस्तिष्क का एक भाग अभी भी विकसित हो रहा होता है इसलिए किशोरावस्था में बच्चे इतने दूरदर्शी नहीं होते हैं , वे तो बस प्रयोग करते रहते हैं जिससे कई बार वे मुसीबत में भी फँस जाते हैं ऐसी स्थिति में इस उम्र के उतार-चढ़ाव को अभिभावक एवं अध्यापकों को समझना होगा। जिस प्रकार अपने बच्चों के व्यवहार में जरा भी परिवर्तन दिखाई देने पर हम...